KaalChakra | Wheel of Time


KaalChakra | Wheel of Time



नमस्कार मित्रो,

आज में इस पोस्ट में आपको श्रृष्टि के समय के बारे में कुछ रोचक जानकारी रखने का प्रयास करूंगा। आम तौर पर हमें जब भी, कुछ भी जानना होता है या किसी खास विषय पर जानकारी चाहिए होती हैं तो हम गूगल करते है या तो यू ट्यूब पर खोजते है। लेकिन ऐसा हम तब ही करते है जब हम किसी विषय पर कहीं से सुनते है। लेकिन जब बिना किसी कष्ट किए, अगर ऐसी रोचक जानकारी अगर हमारे सामने कोई रख दे तो हम उसे बड़ी अचरज से पढ़ते है और उस जानकारी का आनंद लेते हुए दूसरे लोगों के बीच शेयर भी करते है।

वैसे ही, कुछ रोचक जानकारी आज में आप के सामने रख ने जा रहा हूं। उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आएगी। मैंने यह जानकारी इकट्ठी की है और आप सब मित्रो के सामने रख रहा हूं।



दोस्तो, आप सभी के मन में, जब कभी भी फुरसत के समय में सोचते है की इस श्रृष्टि का सर्जन कब हुआ होगा, कब उसका अंत होगा इत्यादि। तो उसके बारे में और जानने की उत्सुकता होती थी और इस विषय के बारे में मैंने कुछ जानकारी इकट्ठी की है ताकि में उसे आप के बीच शेयर कर सकू। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप भी इसे शेयर कर सकते हो।



कुछ लोग कहते है कि श्रृष्टि की उत्पत्ति करीब 6,000 साल पहले ही हुई है। तो कुछ लोग कहते है  6500 साल पहले ही हुई है। लेकिन हिन्दू सनातन धर्म की बात करे तो इस धर्म में श्रृष्टि की उत्पत्ति से अंत तक के सारे समय की गणना विस्तार से की गई है।

जब किसी यज्ञ की शुरुआत होती है तब संकल्प पाठ किया जाता है जिसमें श्रृष्टि की उत्पत्ति कब हुई, कितने समय पहले हुई, इत्यादि विस्तार से कहा गया है।


श्रृष्टि की उत्पति के समय को जानने से पहले हमें महायुग (मन्वंतर) समझने की जरूरत पड़ेगी।

1 मनवंतर में 71 चतुर्युग होते है और
1 चतुर्युग में 4 युग होते है

  • सत युग (17,28,000 वर्ष)
  • त्रेता युग (12,96,000 वर्ष)
  • द्वापर युग (8,64,000 वर्ष)
  • कल युग (4,32,000 वर्ष)
कुल 43,20,000 वर्ष से 1 चतुर्युग बनता है 
और ऐसे 71 चतुर्युग से 1 मन्वंतर बनता है।
और ऐसे 14 मन्वंतर बीतने के बाद श्रृष्टि का अंत होता है।

14 मनवंतर




कुल 1000 चतुर्युग का समय लगता है।
जिसमे 6 चतुर्युग का समय श्रृष्टि का सृजन करने में लगता और 996 चतुर्युग का समय का चक्र होता है श्रृष्टि के शुरू से अंत तक का।

कुल 43,20,000 वर्ष से 1 चतुर्युग बनता है तो ऐसे 71 चतुर्युग से 1 मन्वन्तर बनता है तो
71 x 43,20,000 वर्ष = 30,67,20,000 वर्ष (1 मन्वन्तर में होते है)

6 मन्वन्तर बित चुके है (1,84,03,20,000 वर्ष)
7 वां मन्वन्तर अभी चल रहा है।
और 7 वें मन्वंतर ने 27 चतुर्युग बित चुके है
(71 - 27 = 44 चतुर्युग अभी बाकी है)

अभी 28 वां चतुर्युग चल रहा है।
जिसमे , सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग बित चुके है और अभी कलयुग के कुल 4,32,000 वर्ष में से अभी करीब 5,118 वा वर्ष चल रहा है।

सतयुग के 17,28,000 वर्ष + त्रेतायुग के 12,96,000 वर्ष + द्वापरयुग के 8,64,000 वर्ष = 38,88,000 वर्ष +
अभी कलयुग के 5,118 वर्ष = 38,93,118 वर्ष कुल बित चुके है 7 वें मन्वन्तर के। अब 7 वें मन्वन्तर में और कुल 4,26,882 वर्ष बाकी है।

इतिहास की बात करे तो,

महाभारत




करीब 3136 ईसा पूर्व यानी की करीब 5,156 वर्ष पहले
महाभारत का युद्ध हुआ था जो 18 दिन तक चला था।
और इस युद्ध के बाद युधिष्ठिर ने करीब 37 साल, 8 महीने 25 दिन तक राज किया था। और इसी काल में युधिष्ठिर संवत की शुरुआत हुई थी।

युधिष्ठिर संवत,
हिजरी संवत,
विक्रम संवत और इसाई संवत आदि, अस्तित्व में आए।
और  सबसे पहले कली संवत हुआ करता था।

अभी हिजरी संवत 1440 चल रहा है।
इसाई वर्ष 2019 वा चल रहा है। और
विक्रम संवत 2075 वा चल रहा है।

विक्रम संवत इसाई वर्ष केलेंडर से 56 वर्ष आगे होता है।


तो दोस्तो यह थी कुछ रोचक जानकारी, हमारे आर्य हिन्दू के इतिहास की।





No comments

Powered by Blogger.